विसर्जन में मंत्री व पर्व मंत्री हुए शामिल
ऐतिहासिक गढ़देवी मंदिर में स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमा को कंधे देने और अंतिम दर्शन करने के लिए होड़ मची
मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के दौरान पुलिस की विशेष चौकसी रही
जिले के अन्य क्षेत्रों में भी स्थापित प्रतिमाओं का शनिवार को विसर्जन कर दिया गया
गढ़वा : जिला मुख्यालय सहित पलामू प्रमंडल के ऐतिहासिक गढ़देवी मंदिर में स्थापित मां दुर्गा दरबार की प्रतिमा का विसर्जन किया गया। सबसे पहले गढ़देवी मंदिर में स्थापित प्रतिमा विसर्जित की गई। यहां की खासियत यह है। कि मां दुर्गा की प्रतिमा को लोग किसी वाहन पर नहीं ले बल्कि शहरवासी अपने कंधे पर उठाकर मां की प्रतिमा को विसर्जित करने के लिए ले जाते हैं। विसर्जन के मौके पर प्रतिमा को कंधे देने और अंतिम दर्शन करने के लिए होड़ सी मची रही। मौके पर मुख्य रुप पेजल एवम स्वच्छता विभाग सह खेल एवं पर्यटन विभाग के मंत्री मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर वह पूर्व मंत्री गिरनाथ सिंह उपस्थित थे। इस दौरान मंत्री ने कहा की मां गढ़ देवी मंदिर में स्थापित प्रतिमा की विसर्जन पूरे झारखंड में ऐसा कही नही होता है। विसर्जन में पूरे गढ़वा के महिला पुरुष शामिल होते है।उन्होंने कहा की माता की विसर्जन का ये रूप देखने को सभी ललाइत रहते है। उन्होंने मां दुर्गा से अपने राज्य की खुशहाली व अमन चैन की दुवा मागा। नो दिन आराध्य बाद आज दशमी के दिन हम मां की बिदाई दी जा रही है। ये झारखंड ही नही पूरे भारत में अनोखी बिदाई है जहां मां की प्रतिमा को कंधे पर उठा कर हम सभी बिसर्जन को जाते है। ये परपरा बिगत कई वर्षो से चला आ रहा है।
उधर चुनरी ओढ़े बड़ी संख्या में लोग मां की प्रतिमा को कंधा पर उठाने के लिए बेताब दिखे। जिसके बाद श्रद्धालु ने सोनपुरवा स्थित रामबांध तालाब पहुंचे जहां विसर्जन किया। मूर्ति विसर्जन से पूर्व विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना तथा आरती के पश्चात मां की अंतिम विदाई श्रद्धालुओं ने नम आंखों से दी। गढ़देवी मंदिर सहित कुछ जगहों पर स्थापित मां की प्रतिमा को शनिवार दशमी के दिन किया गया। लेकीन कुछ जगहों पर स्थापित मां की प्रतिमा को शनिवार होने की वजह से विसर्जन रविवार को किया गया। जिले भर में गढ़देवी मंदिर के पुजारी के द्वारा जारी की गई सूचना के अनुसार पर्व त्यौहार मनाया जाता है। गढ़ देवी मंदिर में स्थापित दुर्गा दरबार की प्रतिमा विसर्जन होने के साथ ही पूरे जिले में दशहरा मनाया गया। जिले के अन्य क्षेत्रों में भी स्थापित प्रतिमाओं का शनिवार को विसर्जन कर दिया गया।
जिले में शांति व सौहार्द के माहौल में दुर्गा पूजा संपन्न हो गया। नौ दिनों तक चले नवरात्र पूजन के बाद दशहरा का त्योहार मनाया गया। जिसमें बड़ी संख्या में लोग सामिल हुए तथा पूजा अर्चना की। इस दौरान लोगों ने विभिन्न पूजा पंडालों का भ्रमण कर मां दुर्गा की प्रतिमा का दर्शन किया। इसके पश्चात शनिवार को मां दुर्गा की प्रतिमा विभिन्न जलाशयों में विसर्जित कर मां दुर्गा की विदाई दी गई। जिला मुख्यालय गढ़वा में विभिन्न पूजा पंडालों से जुड़े लोगों ने सोनपुरवा स्थित रामबांध तालाब में प्रतिमा विसर्जित की।
शारदीय नवरात्र की महानवमी पर पूजा पंडालों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। पंडालों में नवमी पूजन के विधान पूर्ण हुए। सार्वजनिक पूजा पंडालों में दुर्गा सप्तशती के मंत्रों के साथ ही यज्ञ कुंड में आहुतियां अर्पित की गईं। शाम ढलते ही श्रद्धालु भी माता के दर्शन, पूजन के लिए पंडालों में पहुंचने लगी। जैसे-जैसे रात होने लगी पंडालों में भी रेला उमड़ने लगा। रात भर जागकर लोगों ने पंडालों में माता के दर्शन किए। नवमी तिथि को सार्वजनिक पूजा पंडालों में हवन और पुष्पांजलि तो घरों में कन्या पूजन कर नवरात्र की पूर्णाहुति हुई। पंडालों में हवन और पुष्पांजलि के बाद पूरे दिन भोग प्रसाद ग्रहण करने का सिलसिला जारी रहा। माँ गढ़देवी मंदिर, जय भवानी संघ, भारत संघ, जय मां शेरावाली संघ, व्यवसाय संघ आदि जगहों में शाम से ही पंडालों में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। सोनपुरवा स्थित मदन पहलवान के आवास पर बनाए गए सीमेंटेड माता की प्रतिमा व देव देवी रूप सजा को देख काफी लोग मनमोहित रहे। लोग उसे रोचक का केंद्र बता रहे थे। जैसे-जैसे रात ढलती रही लोगों का घरों से निकलने का सिलसिला जारी रहा।
इस दौरान पुलिस की विशेष चौकसी रही। कई जगहों पर एसडीपीओ नीरज कुमार सुरक्षा व्यवस्था में खुद लगे रहे। इधर जिला के पुलिस कप्तान दीपक कुमार पांडे उपयुक्त शेखर जमुआर दशहरा को लेकर जिला की निगरानी कर रहे थे। विसर्जन को लेकर पुलिस-प्रशासन ने विभिन्न चौक चौराहों पर पुलिस की चाक-चौबंद व्यवस्था किया था। मां गढ़ देवी मंदिर में स्थापित प्रतिमा विसर्जन के साथ-साथ अन्य जगहों पर स्थापित की गई प्रतिमाओं के विसर्जन में सभी पदाधिकारी शामिल थे। इस अवसर पर थाना प्रभारी बृज कुमार गढ़वा के अलावा कई आला पदाधिकारी व जवान शामिल थे।